आईआरसीटीसी से 'खेल' रहे हैकर्स पैसेंजर्स परेशान
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-गर्मी की छुट्टियों के साथ ही रेलवे रिजर्वेशन में मची मारामारी, तत्काल में भी नहीं बन रहा है टिकट -पैसेंजर्स की शिकायत पर आई नेक्स्ट ने की पड़ताल, आईआरसीटीसी की वेबसाइट को मुंबई से हैक कर
किया जा रहा है तत्काल का 'खेल' -सिटी के कुछ 'बड़े एजेंट्स' ही करवा पा रहे हैं तत्काल कोटा, तत्काल खुलते ही हो जाती है वेबसाइट ओवरलोड KANPUR (3 May): गर्मी की छुट्टियां
शुरू हो गई हैं। ऐसे में लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं। पर इसमें एक अड़चन आ रही है, वो है रेलवे रिजर्वेशन। ज्यादातर ट्रेनों में सीटें उपलब्ध ही नहीं हैं। ऐसे में लोगों के पास एक ही विकल्प
बचता है। वो है तत्काल कोटा। पर इस कोटे से भी पैसेंजर्स को मायूस होना पड़ रहा है। लोगों की लगातार आ रहीं शिकायतों के बाद आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो एक बड़ा खुलासा हुआ। साढ़े नौ बजे शुरू किया
प्रॉसेस लोगों की शिकायत पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने गुमटी नंबर भ् स्थित एक साइबर कैफे के कम्प्यूटर में सुबह ठीक साढ़े नौ बजे आईआरसीटीसी की वेबसाइट ओपन की। लॉगिन किया और पूरा प्रॉसेस करने की
काफी देर तक कोशिश की लेकिन पेमेंट करने के दौरान सेशन टाइम आउट लिखकर आ गया। करीब आधे घंटे बाद फिर ट्राइ किया लेकिन फिर वही लिखकर आया। खैर रिपोर्टर को लगा कि उस कैफे में नेट कनेक्शन में कोई
प्रॉब्लम होगी। वो वहां से दूसरे कैफे पहुंचा। वहां फिर से दस बजकर क्8 मिनट पर प्रॉसेस शुरू किया लेकिन यहां भी वही हाल हुआ। फिर जब कैफे वाले के कहने पर रिपोर्टर एक एजेंट के पास पहुंचा। एजेंट
के पास पहुंचते ही रिपोर्टर ने उससे दिल्ली की तत्काल टिकट बनाने को कहाएजेंट ने कहा कि मैं कोशिश करता हूं लेकिन मुश्किल है रिपोर्टर ने उससे पूछा क्यों? वो बोला, अरे भाई लंबा खेल हैगर्मी की
छुट्टियों का टाइम चल रहा है। रिपोर्टर के कहने पर उसने वेबसाइट खोली और प्रॉसेस शुरू किया लेकिन जैसे ही सेशन एक्सपायर लिखकर आया। वो बोला, तत्काल का टिकट नहीं हो पाएगा आपको अगर टिकट चाहिए तो
जहां बता रहा हूं उस एजेंट के पास चले जाइएदो मिनट में टिकट मिल जाएगा। और मिल गया कंफर्म टिकट उस एजेंट के बताए ट्रैवलिंग एजेंट के पास जब रिपोर्टर पहुंचा तो उसने आम एजेंट्स के मुकाबले करीब दो
गुना पैसा लिया। पर रिपोर्टर के सामने ही कुछ मिनट में तत्काल टिकट हाथ में थमा दिया। अब ऐसे में सवाल ये है कि खुद करने पर और छोटे एजेंट के ऑफिस से तत्काल रिजर्वेशन क्यों नहीं हुआ। अगर नेट की
प्रॉब्लम थी तो और दूसरे काम क्यों हो रहे थे? कुछ खास बड़े एजेंट्स के जरिए ही तत्काल टिकट की बुकिंग कैसे हो रही है। इन सवालों के जवाब जब रिपोर्टर ने उस एजेंट से जानने चाहे तो उसने पहले तो मना
कर दिया लेकिन फिर काफी जोर देने पर नाम न छापने की शर्त पर राज खोलने को राजी हुआ। कहीं और है मास्टरमाइंड एजेंट के मुताबिक इस टाइम पर टिकटों की मारामारी का फायदा उठाने के लिए मुंबई में हैकर्स
की पूरी टीम आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक करने के लिए काम करती है। उनसे सम्पर्क होने पर तत्काल का टिकट आसानी से हो जाता है। हैकर्स उनसे जुड़े ट्रैवेल एजेंट को चार नंबर का एक पासवर्ड देते
हैं। जिसकी मदद से तत्काल टिकट आसानी से हो जाता है। इसके लिए उनको हर हफ्ते के हिसाब से पैसे भी देने पड़ते हैं। हैकर्स से जुड़ा एजेंट टिकट बनाए या न बनाए लेकिन उसे हर हफ्ते तय धनराशि देनी होती
है । पैसे न देने पर उसका कनेक्शन भी कट जाता है। इसलिए वही एजेंट्स इस हैकर्स द्वारा प्रोवाइड कराई जा रही अवैध सुविधा का लाभ ले पाते हैं जोकि रोज सौ टिकट से ज्यादा करते हैं वरना उनका खर्च
नहीं निकल पाता है। यही वजह है कि छोटे एजेंट्स हैकर्स को अफोर्ड नहीं कर पाते। कई जगह गड़बड़ी हो सकती है उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ नरेश बाबू का कहना है कि अगर आईआरसीटीसी की ऑनलाइन प्रकिया से
तत्काल टिकट नहीं हो पा रहा है तो कई जगह गड़बड़ी की आशंका है। ये चेक करना पड़ेगा कि गड़बड़ी कहां है? हो सकता है कि नेटवर्क में प्रॉब्लम हो या फिर कुछ और? ---------------------- तीन हजार से
ज्यादा शहर में ऑथराइज्ड और अनऑथराइज्ड तीन हजार से ज्यादा एजेंट्स हैं। कई एजेंट्स तो ऐसे हैं जोकि खुद रिजर्वेशन करवाते हैं और कई ऐसे हैं जोकि अपने गुर्गो से करवाते हैं। कई एजेंट्स तो इतने
बड़े हैं कि उनके गुर्गे शहर के हर छोटे-बड़े स्टेशन पर बने आरक्षण काउंटर पर तैनात रहते हैं। --------------- तो ये है प्रॉसेस एक्सपर्ट अनूप कुमार का कहना है कि जब हम यूआरएल टाइप कर एंटर करते
हैं तो वह सीधे सर्विस प्रोवाइडर के डीएनएस तक पहुंचता है। और वहां से रिजॉल्व होता है। मगर आईआरसीटीसी की वेबसाइट में पूरे इंडिया में एक साथ लॉगिन किया जाता है। जिसकी वजह से सर्वर को हैकर हैक
कर लेते हैं। कभी-कभी तो ये ओवरलोड भी हो जाती है। जिससे हैकर को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है और उसका काम हो जाता है। ओवरलोड होने की वजह से कई एप्लीकेशंस क्यू में आ जाती हैं और हैकर को हैक
करने का टाइम मिल जाता है। जब रिजेक्टेड रिक्वेस्ट को 'सेशन टाइम आउट' या सेशन एक्सपायर का मैसेज मिलता है। कभी-कभी जब लगातार लोग क्यू में रहते हैं तो हैकर के थोड़ा सा चूक जाने पर
रिजर्वेशन हो भी जाता है। जिससे सबको लगता है कि सबकुछ ठीक-ठाक है। --------------------- हैकर की मर्जी हैकिंग मामलों के विशेषज्ञ अधोक्षज मिश्रा ने बताया कि गवर्नमेंट वेबसाइटों में काफी
लूपहोल्स होते हैं। इनको हैक किया जा सकता है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट में कई ऐसे लूपहोल्स हैं जिनको बनाया लोगों की सुविधा के लिए है लेकिन हैकर्स इसका उपयोग करके साइट को हैक कर लेते हैं। हैक
करके काम करने का कोई टाइम पीरियड नहीं होता है। जब तक हैकर चाहेगा इसका हैक कर सकता है। लेकिन ज्यादा देर तक हैक करने में पकड़ा भी जा सकता है। -------------- लोग आईआरसीटीसी की तत्काल सेवा में
गड़बड़ी की शिकायत करते हैं तो तुरंत जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी। पैसेंजर्स की प्रॉब्लम को दूर किया जाएगा। नवीन बाबू, सीपीआरओ, एनसीआर ---------- पब्लिक वर्जस पब्लिक के वर्जन रेलवे में
-तत्काल टिकट का तो हाल मत पूछिए। वेबसाइट पहले तो खुलती नहीं है फिर काफी मशक्कत के बाद भी टिकट नहीं बनता है। रिजर्वेशन काउंटर पर लाइन में खड़े रहो और कुछ देर में सब सीट्स फुल हो जाती है।
अवधेश सिंह यादव तत्काल टिकट की सेटिंग पहले से रहती है। तभी तो आम लोग वेबसाइट खोल घंटों परेशान होते रहते हैं और उनके हाथ कुछ नहीं लगता है। रईस अहमद हां, तत्काल टिकट नहीं बन रहा है। काफी देर
तक माथापच्ची करने के बाद भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट से टिकट नहीं बनता है। कुछ तो गड़बड है। विकास वर्मा सिटी के किसी भी रिजर्वेशन काउंटर से तत्काल टिकट नहीं बनती है। फिर चाहें आप कितनी देर जुटे
रहें। रेलवे के बाबू भी तत्काल के खेल में शामिल हैं। अभिनय कुमार मैंने कई बार घर से वेबसाइट पर तत्काल टिकट बुक करने की कोशिश की लेकिन नहीं हुआ। एक बड़े ट्रैवल एजेंट से संपर्क किया तो दोगुने
पैसे देने पर टिकट कंफर्म हो गया। नितिन तिवारी